| 1. | मनमुटाव की नौबत आयी, फिर एक-दूसरे के दिल को चोट पहुँचाना शुरू हुआ।
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| 2. | मनमुटाव की नौबत आयी, फिर एक-दूसरे के दिल को चोट पहुँचाना शुरू हुआ।
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| 3. | मनमुटाव की नौबत आयी, फिर एक-दूसरे के दिल को चोट पहुँचाना शुरू हुआ।
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| 4. | जानबूझकर असत्य भाषण करना, स्वार्थी और लोलुप होना, दूसरों के दिल को चोट पहुँचाना-इन सबसे मनुष्य के दुश्चरित्र का बोध होता है
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| 5. | जानबूझकर असत्य भाषण करना, स्वार्थी और लोलुप होना, दूसरों के दिल को चोट पहुँचाना-इन सबसे मनुष्य के दुश्चरित्र का बोध होता है।
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| 6. | दिल को चोट पहुँचाना भी तो दिल निकाल लेने के ही बराबर हुआ ना? यानी अनजाने में हम भी वही करते हैं जो उस नालायक लड़के ने किया।
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